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कूँड़  : स्त्री० [सं० कुड़] १. युद्ध के समय सिर पर पहनी जानेवाली लोहे की टोपी। खोद। २. मि्टटी, लोहे आदि का वह बड़ा और गहरा बरतन जिसके द्वारा कूँए में से सिचांई के लिए पानी निकाला जाता है। ३. उक्त के आकार का वह पात्र जिसके ऊपर चमड़ा मढ़कर तबले के साथ का ‘बायाँ’ बनाया जाता है। ४. हल जोतने के खेत में बनी हुई गहरी लकीर।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
कूँड़ा  : पुं० [सं० कूँड़] [स्त्री० कूँड़ी] १. पानी रखने का काठ या मिट्टी का बड़ा और गहरा पात्र। २. कटोरे आदि के आकार का कोई पात्र। जैसे—कठौला। ३. गमला। ४. रोशनी करने की एक प्रकार की शीशे की बड़ी हाँड़ी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
कूँड़ी  : स्त्री० [हिं० कूँड़ा] १. पत्थर की बनी हुई कटोरी। पथरी। पत्थर की प्याली। २. छोटी नांद। ३. कोल्हू के बीच का वह गड्ढा जिसमें जाट रहती है। स्त्री० [सं० कुंडली] एँडुरी जिसे सिर पर रखकर स्त्रियाँ घड़ा उठाती हैं।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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