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गौरी  : स्त्री० [सं० गौर+ङीष्] १. गोरे रंग की स्त्री। २. पार्वती। ३. वरुण की पत्नी। ४. आठ साल की कन्या। ५. तुलसी। ६. मल्लिका। ७. चमेली। ८. हलदी। ९. दारु हल्दी। १॰. मंजीठ। ११. सफेद दूब। १२. संध्या समय गाई जानेवाली संपूर्ण राग की एक रागिनी। १३.चित्रों आदि में दिखाई जानेवाली उज्ज्वलता या प्रकाश। १४. भारत (अखंड) की पश्चिमोत्तर सीमा पर बहनेवाली एक प्राचीन नदी। स्त्री० दे० ‘गौड़ी’।
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गौरी-चंदन  : पुं० [मध्य० स०] लाल चंदन।
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गौरीज  : पुं० [सं० गौरीजन् (उत्पन्न होना)+ड, उप० स०] १. गौरी के पुत्र कार्तिकेय और गणेश। २. अभ्रक। वि० गौरी से उत्पन्न।
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गौरी-पुष्प  : पुं० [ब० स०] प्रियंगु नाम का वृक्ष।
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गौरी बेंत  : पुं० [?] एक प्रकार का बेंत जिसे पक्का बेंत भी कहते हैं।
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गौरी-ललित  : पुं० [उपमि० स०] हरताल।
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गौरी-शंकर  : पुं० [मध्य० स०] १. शिव का वह रूप जिसमें उनके साथ गौरी अर्थात् पार्वती भी रहती हैं। २. हिमालय की एक बहुत ऊँची चोटी।
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गौरीश  : पुं० [गौरी-ईष, ष० त०] शिव।
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गौरीसर  : पुं० [?] हंसराज नाम की बूटी। सँमल पत्ती।
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