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शब्द का अर्थ

चरमर  : पुं० [अनु०] कसी या तनी हुई चीमड़ चीज के दबने या मुड़ने से होनेवाला शब्द। जैसे–चलने में जूते का चरमर बोलना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चरमरा  : वि० [अनु०] चरमर शब्द करने वाला। जिससे चरमर शब्द निकले। जैसे–चरमरा जूता। पुं० [देश०] एक प्रकार की घास जिसे तकड़ी भी कहते हैं।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चरमराना  : अ० [हिं० चरमर] चरमर शब्द होना। स० चरमर शब्द उत्पन्न करना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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