लोगों की राय

शब्द का अर्थ खोजें

शब्द का अर्थ

चलंता  : वि० [हिं० चलना] १. चलता हुआ। चलता रहनेवाला। २. चलनेवाला।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलंदरी  : स्त्री०=चलनदरी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चल  : वि० [सं० चल (जाना)+अच्] १. जो चल रहा हो, चलता हो या चल सकता हो। जैसे–चल-चित्र। २. चलता या हिलता डुलता रहनेवाला। जैसे–चल चंचु। ३. अस्थिर। चंचल। ४. जो एक स्थान से उठाकर या हटाकर दूसरे स्थान पर रखा या लाया जा सके। (मूवेबुल) जैसे–चल संपत्ति। ५. नश्वर। पुं० [चल्+णिच्+अप्] १. कांपने, चलने या हिलने की क्रिया या भाव। २. पारा। ३. महादेव। शिव। ४. विष्णु। ५. ऐब। दोष। ६. चूक। भूल। ७. कपट। छल। धोखा। ८. दोहा छंद का एक भेद जिसमें ११ गुरु और २६ लघु मात्रायँ होती हैं। ९. नृत्य में अंग की वह चेष्टा जिसमें हाथ के इशारे से किसी को अपनी ओर बुलाया जाता है। १॰. नृत्य में शोक, चिंता, परिश्रम या उत्कंठा दिखलाने के लिए गहरा साँस लेना। ११. गणित में वह राशि जिसके कई मान या मूल्य हों। १२. उक्त राशि का प्रतीक चिन्ह्र। (वेरिएब्ल, उक्त दोनों अर्थों में)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलक  : पुं० [सं० चल+कन्] १. माल। असबाब। २. दे० ‘चल’ ११ तथा १२।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलकना  : अ०=चिलकना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चल-कर्म  : वि० [ब० स०] जिसके कान सदा हिलते रहते हों। पुं० १. हाथी। २. ज्योतिष में, पृथ्वी से ग्रहों का प्रसम अन्तर।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलका  : पुं० [देश०] एक प्रकार की नाव।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चल-केतु  : पुं० [कर्म० स०] ज्योतिष में, एक प्रकार का पुच्छल तारा जिसके उदय से अकाल या दुर्भिक्ष पड़ता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चल-चंचु  : पुं० [ब० स०] जिसकी चोंच हिलती रहती हो अर्थात् चकोर।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चल-चलाव  : पुं० [हिं० चलना+चलाव (अनु०)] १. कहीं से चलने अथवा चल पड़ने की क्रिया, तैयारी या भाव। चलाचली। २. मृत्यु। उदाहरण–दुनियाँ है चल-चलाव का रास्ता, संभल के चल।-कोई शायर।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलचा  : पुं० [देश०] ढाक। पलास।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चल-चाल  : वि० [ब० स०] चलविचल। चंचल। अस्थिर।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चल-चित्त  : वि० [ब० स०] (व्यक्ति) जिसका मन कहीं या किसी निश्चय पर टिकता या लगता न हो। चंचल चित्तवाला।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चल-चित्र  : पुं० [कर्म० स०] १. भा या छाया चित्रों का वह अनुक्रम जो इतनी तेजी से परदे पर विक्षेपित किया जाता है कि दृष्टि-भ्रम के कारण उनमें दिखाई देनेवाली वस्तुएँ, व्यक्ति आदि चलते-फिरते नजर आते हैं। २. छाया या भाचित्रित कथा या कहानी। (मूवी)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चल-चित्रण  : पुं० [ष० त०] भा या छाया-चित्रण के द्वारा चल-चित्र तैयार करना। (फिल्मिंग)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चल-चित्रित  : वि० [सं० चल-चित्र+णिच्+क्त] चल-चित्र के रूप में तैयार किया हुआ। (फिल्मूड)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चल-चूक  : स्त्री० [सं० चल=चंचल] धोखा। छल। कपट।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलता  : स्त्री० [सं० चल+तल्-टाप्] १. चल अर्थात् गतिमान या गतिशील होने की अवस्था या भाव। २. अस्थिरता। चंचलता। वि० [हिं० चलना] [स्त्री० चलती] १. जो चल रहा हो। जो गति में हो। जैसे–चलती गाड़ी में से मत उतरो। मुहावरा–(किसी को) चलता करन=जैसे–तैसे दूर करना या हटाना। पीछा छुड़ाने के लिए रवाना करना। जैसे–मैने दो चार बातें करके उन्हें चलता किया। (कोई काम) चलता करना=जैसे–तैसे निपटाना या पूरा करना। जैसे–कई काम तो आज मैने यों ही चलते किये। (किसी व्यक्ति का) चलता या चलते बनना या होन=चुपचाप खिसक या हट जाना। जैसे–झगड़ा बढ़ता हुआ देखकर मैं तो वहाँ से चलता बना। चलते फिरते नजर आना=चलता या चलते बनना। जैसे–अब आप वहाँ से चलते-फिरते नजर आइए। २. जो प्रचलन और व्यवहार में बराबर आ रहा हो। जैसे–चलता माल, चलता सिक्का। ३. जिस पर से होकर लोग बराबर आते जाते रहते हैं। जैसे–चलता रास्ता। ४. जो ठीक प्रकार से काम करने की स्थिति में न हो। चलती मशीन, चलती घड़ी। ५. जिसका अथवा जहाँ पर काम-काज या कारोबार ठीक प्रकार से चल रहा हो। जैसे–चलती दूकान, चलती वकालत। ६. जिसका क्रम बराबर चलता रहता हो। जैसे–चलता खाता (दे०) ७. जो एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से जा अथवा ले जाया जा सकता हो। जैसे–चलता पुस्तकालय, चलता सिनेमा। ८.(व्यक्ति) जो अधिक चतुर या होशियार हो। धूर्त्त। जैसे–चलता पुरजा (दे०)। ९. (कार्य या वस्तु) जिसे करने अथवा बनाने में विशेष योग्यता अपेक्षित न हो। जैसे–ऐसे चलते काम तो यहाँ नित्य आया करते हैं। पद-चलता गाना (देखें)। १॰. जिसमें समस्त अंगों या ब्योरे की बातों पर विशेष ध्यान न दिया गया हो या न किया जाय। काम-चलाऊ। जैसे–किसी काम या किताब को चलती निगाह से देखना। ११. जो अपने अंत या समाप्ति के पास तक पहुँच रहा हो। जैसे–चलती अर्थात् ढलती उमर। पद–चलता समय या समाँ। (देखें)। पुं० [हिं० चलना] १. उलटा नाम का पकवान जो पिसी हुई दाल या बेसन की रोटी के रूप में पकाया जाता है। २. रास्ते में वह स्थान जहाँ फिसलन और कीचड़ बहुत अधिक हो। पुं० [देश०] १. एक प्रकार का बहुत बड़ा सदाबहार वृक्ष जिसकी लकड़ी बहुत मजबूत होती है और पानी में भी जल्दी गलती सड़ती नहीं है। २. उक् वृक्ष का फल जो तरकारी बनाने और यों भी खाने के काम आता है। ३. कवच। पुं० चिलता (कवच)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलता खाता  : पुं० [हिं० पद] लेन-देन का ऐसा हिसाब जिसका क्रम बराबर चलता या बना रहता हो, बीच में बंद न होता हो। (करेण्ट-एकाउण्ट)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलता गाना  : पुं० [हिं०] ऐसा गाना जो शुद्ध राग-रागिनियों के अन्तर्गत न हो पर जिसका प्रचार सर्व साधारण में हो। जैसे–गजल, दादरा, लावनी आदि।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलता छप्पर  : पुं० [हिं० पद] छाता। (फकीरों की भाषा)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलता पुरजा  : पुं० [हिं० पद] व्यवहार कुशल व्यक्ति। चालाक या चुस्त व्यक्ति।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलता लेखा  : पुं० =चलता खाता।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलता-समय  : पुं०=चलता समाँ।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलता समाँ  : पुं० [हिं०] जीवन का अंतिम भाग या समय। वृद्धावस्था।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलती  : स्त्री० [हिं० चलना] कोई कार्य करने या करा सकने का अधिकार। उदाहरण–आज-कल उस दरबार में उनकी बड़ी चलती है। वि० हिं० ‘चलता’ का स्त्री० रूप।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलतू  : वि० [हिं० चलना] १. दे० ‘चलता’। २. (भूमि) जो जोती बोई जाती हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलदंग  : पुं० [ब० स०] झींगा मछली।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चल-दल  : पुं० [ब० स०] पीपल का वृक्ष।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलन  : पुं० [सं०√चल्+ल्युट-अन] १. गति। चाल। २. कंपन। ३. चरण। पैर। ४. हिरन। ५. ज्योतिष में विषुवत् की वह गति जिससे दिन और रात दोनों बराबर रहते हैं। ६. नृत्य में एक प्रकार की चेष्टा या मुद्रा। पुं० [हिं० चलना] १.चलने की अवस्था, क्रिया या भाव। गति। चाल। २. प्रचलित रहने की अवस्था या भाव। प्रचलन। जैसे–कपड़े या सिक्के का चलन। ३. आचार-व्यवहार आदि से संबंध रखने वाली प्रथा। रीति। रिवाज। ४. अच्छा आचरण या व्यवहार। जैसे–जो चलन से रहेगा, उसे कभी कोई कष्ट न होगा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलन-कलन  : पुं० [तृ० त०] ज्योतिष में एक प्रकार का गणित जिसके द्वारा पृथ्वी की गति के अनुसार दिन-रात के घटने-बढ़ने का हिसाब लगाया जाता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलनदारी  : स्त्री० [हिं० चलन+दरी] वह स्थान जहाँ यात्रियों को पुण्यार्थ जल पिलाया जाता हो। पौसरा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलन-समीकरण  : पुं० [ष० त०] गणित में एक प्रकार की क्रिया। दे० ‘समीकरण’।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलनसार  : वि० [हिं० चलन+सार (प्रत्यय)] १. जिसका उपयोग, प्रचलन या व्यवहार हो रहा हो। जैसे–चलनसार सिक्का। २. जो बहुत दिनों तक चल सके अर्थात् काम में आ सके। जैसे–चलनसार धोती।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलनहार  : वि० [हिं० चलना+हार (प्रत्य)] १. जो अभी चलने को उद्यत या प्रस्तुत हो। २. जो अभी चल रहा हो। चलनेवाला। ३. दे० ‘चलनसार’।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलना  : अ० [सं० चलन] १. पैरों की सहायता से जीव-जंतुओं का एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचने के लिए आगे बढ़ना। जैसे–आदमियों या घोड़ों का चलना। मुहावरा–चल देना=(क) कोई स्थान छोड़कर वहाँ से दूर होना या हट जाना। (ख) बिना कुछ कहे-सुने या चुपके से खिसक या हट जाना। जैसे–वह लड़का मेरे सब कपड़े लेकर चल दिया। चल पड़ना=चलना आरंभ करना। जैसे–सबेरा होते ही यात्री चल पड़े। २. पहियों आदि की सहायता से अथवा किसी प्रकार किसी ओर अग्रसर होना या बढ़ना। जैसे–गाड़ी या जहाज का चलना, मछली या साँप का चलना। ३. किसी प्रकार की गति से युक्त होकर आगे बढ़ना। गति में होना। जैसे–आँधी या हवा चलना, ग्रहों या नक्षत्रों का चलना। ४. किसी प्रकार की गति से युक्त होकर या हिलते-डोलते हुए कोई कार्य संपन्न या संपादित करना। जैसे–घड़ी,नाड़ी या यंत्र चलना। ५. कोई काम करते हुए उसमें आगे की ओर बढ़ना। उन्नति करना। अग्रसर होना। मुहावरा–(किसी व्यक्ति का) चल निकलना=किसी काम या बात में तत्परतापूर्वक लगे रहकर औरों से कुछ आगे बढ़ना या उन्नति करना। जैसे–थोड़े ही दिनों में वह संस्कृत पढ़ने (या दस्कारी सीखने) में चल निकलेगा। (किसी काम या बात का) चल निकलना उन्नति, वृद्धि आदि के मार्ग पर आगे बढ़ना। जैसे–रोजगार (या वकालत) चल निकलना। ६. उचित या साधारण गति से क्रियाशील रहना। सक्रिय रहना या होना। जैसे–(क) लिखने में कलम चलना। (ख) कारखाना या दूकान चलना। (ग) बिना कहीं अटके या रुके बराबर बढ़ते चलना। ७. किसी कार्य, बात या स्थिति का उचित रूप से निर्वाह या वहन होना। काम निकलना या होता रहना। जैसे–(क) इतने रुपयों से काम नहीं चलेगा। (ख) यह लड़का चौथे दरजे में चल जायगा। मुहावरा–पेच चलना=खाने-पीने का सुभीता होता रहना। जीविका-निर्वाह होना। जैसे–इसी मकान के किराये से उनका पेट चलता है। ८. किसी चीज का ठीक तरह से उपयोग या व्यवहार में आते रहना। बराबर काम देते रहना। जैसे–(क) यह कपड़ा तो अभी बरसों चलेगा। (ख) बुढा़पे के कारण अब उनका शरीर नहीं चलता। (ग) पाकिस्तानी नोट और रुपए भारत में नहीं चलते। ९. शरीर के किसी अंग का अपने कार्य में प्रवृत्त या रत होना। जैसे–जबान या मुँह चलना अर्थात् जबान या मुँह से बातें निकलना; मुँह चलना अर्थात् मुँह से खाने या चबाने की क्रिया होना, हाथ चलना अर्थात् हाथ के द्वारा किसी पर प्रहार होना। १॰. किसी काम या बात का आरंभ होना। छिड़ना। जैसे–किसी की चर्चा या जिक्र चलना, कोई प्रसंग या बात चलना, कोई नयी प्रथा या रीति चलना। ११. प्रहार के उद्देश्य से अस्त्र-शस्त्र आदि का प्रयोग या व्यवहार होना। जैसे–गोली, तलवार या लाठी चलना। १२. उक्त के आधार पर, लाक्षणिक रूप में आपस में वैर-विरोध या वैमनस्य का व्यवहार होना। जैसे–आज-कल दोनों भाइयों में खूब चल रही है। १३. तरल पदार्थ का अपने आधान या पात्र में से होते हुए आगे बढ़ते या बहते रहना। जैसे–पानी गिरने या बरसने पर पनाला या मोरी चलना। १४. उक्त के आधार पर लाक्षणिक रूप में शरीर के किसी अंग में से तरल पदार्थ का असाधारण या विकृत रूप में बाहर निकलना या निकलते रहना। जैसे–पेट चलना अर्थात् दस्त के रूप में पेट में से निरंतर बहुत सा मल निकलना; पेट और मुँह चलना अर्थात् लगातार बहुत से दस्त और कै होना। १५. मार्ग या रास्ते के संबंध में, ऊपर से लोगों का आना-जाना होना। जैसे–(क) यह सड़क रात भर चलती है। (ख) यह गली सबेरे से चलने लगती है। (ग) यह जल-मार्ग आजकल नहीं चलता। १६. किसी क्रम या परंपरा का बराबर आगे बढ़ते रहना या जारी रहना। जैसे–किसी का नाम या वश चलना। उदाहरण–रघुकुल रीति सदा चली आई।-तुलसी। १७. मन का किसी प्रकार की वासना से युक्त होकर किसी ओर प्रवृत्त होना। जैसे–खाने-पीने की किसी चीज पर मन चलना। १८. अधिकार, युक्ति वश शक्ति आदि के संबंध में अपना ठीक और पूरा काम करना अथवा परिणाम या फल दिखाना। जैसे–जब तक हमारी (युक्ति या शक्ति) चलेगी, तब तक हम उन्हें ऐसा नहीं करने देगें। मुहावरा–(किसी की) कुछ चलना=किसी का कुछ अधिकार या वश अथवा उपाय या कौशल सफल या सार्थक होना। जैसे–किसी की कुछ नहीं चलती कि जब तकदीर फिरती है।–कोई शायर। १९. किसी लिखावट या लेख का ठीक तरह से पढ़ा जाना और समझ में आना। जैसे–उनका लिखा हुआ पत्र या लेख यहाँ किसी से नहीं चलता (पढ़ा जाता)। २॰. खाने या पीने के समय किसी पदार्थ का ठीक तरह से गले के नीचे उतरना। खाया, निगला या पीया जाना। जैसे–(क) पेट बहुत भर गया है, अब एक भी पूरी (या रोटी) नहीं चलेगी। (ख) ले लो अभी दो लड्डू तो और चल ही जायँगे। २१. खाने-पीने की चीजें परोसने के समय अलग-अलग चीजों का क्रम से सामने आना या रखा जाना। जैसे–पहले पूरी तरकारी और तब मिठाई चलनी चाहिए। २२. लोगों के साथ अच्छा और मेल-जोल का आचरण या व्यवहार करना। जैसे–संसार (या समाज) में सबसे मिलकर चलना चाहिए। २३. आज्ञा, आदेश, उदाहरण आदि के अनुसार आचरण या व्यवहार करना। जैसे–सदा बड़ों की आज्ञा और उपदेश के अनुसार अथवा उनके दिखलाये या बतलाये हुए मार्ग पर चलना चाहिए। २४. किसी प्रकार के कपट, चालाकी या धूर्तत्ता का आचरण या व्यवहार करना। जैसे–हम देखते हैं कि आज-कल तुम हमसे भी चलने लगे हो। २५. किसी काम या चीज का अपने उचित, चलित या नियत क्रम, मार्ग या स्थिति से इधर-उधर या विचलित होना जो दोष विकार आदि का सूचक होता है। जैसे–(क) ऐसा जान पड़ता है कि छत (या दीवार) भी दो चार दिन में चली जायगी। (ख) उनका आधा खेत तो इस बरसात में गंगा में चला गया। मुहावरा–(किसी चीज का) चल जानाकिसी चीज का कट-फट टूट-फूट या गल-सड़कर अथवा और किसी प्रकार खराब या विकृत हो जाना। जैसे–(क) थान में से टुकड़ा फाड़ने के समय कपड़े का चल जाना अर्थात् सीधा न फटकर इधर-उधर या तिरछा फट जाना। (ख) कढ़ी, दाल या भात का चल जाना अर्थात् बासी होने के कारण सड़ने लगना। (ग) अंगरखा या कुरता चल जाना अर्थात् किसी जगह से कट, फट या मसक जाना। (घ) किसी का दिमाग या मस्तिष्क चल जाना अर्थात् कुछ-कुछ पागल या विक्षिप्त सा हो जाना। जैसे–जान पड़ता है कि इस लड़के का दिमाग कुछ चल गया है। २६. इस लोक से प्रस्थान करना। काल के मुँह में जाना। मर जाना। जैसे–सबको एक न एक दिन चलना है। मुहावरा–(किसी व्यक्ति का) चल बसना=मर जाना। स्वर्गवासी होना। जैसे–आज मोहन के पिता चल बसे। २७. नष्ट या समाप्त होना मुहावरा–(किसी चीज का) चला जाना=नष्ट या समाप्त हो जाना। न रह जाना। जैसे–उनके आने से मेरी भूख और प्यास चली जाती है। स० १. कुछ विशिष्ट खेलों में से किसी चीज के द्वारा अपनी बारी से चलने की सी क्रिया करना। आगे बढ़ना या रखना अथवा सामने लाना। जैसे–(क) चौसर की गोटी, ताश का पत्ता या शतरंज का मोहरा चलना। (ख) घोड़ा या हाथी चलना, बादशाह या बेगम चलना। २. किसी प्रकार की चाल, तरकीब या युक्ति को क्रियात्मक रूप देना। जैसे–(क) आपस में तरह-तरह की चालें चलना। (ख ) नित्य नई तरकीब चलना। पुं० [हिं० चलनी] १. बड़ी चलनी या छलनी। २. चलनी की तरह का लोहे का वह बड़ा कलछा या पौना जिससे उबलते हुए ऊख के रस पर का फेन या मैल उठाते हैं। ३. हलवाइयों का उक्त प्रकार का वह उपकरण जिससे चाशनी या शीरे पर की मैल उठाई जाती है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलनि  : स्त्री०=चलन।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलनिका  : स्त्री० [सं० चलनी+कन्-टाप्, ह्रस्व] १. स्त्रियों के पहनने का घाघरा। २. झालर।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलनी  : स्त्री०=छलनी। स्त्री० [सं०√चल्+ल्युट्-अन,ङीष्] =चलनिका।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलनौस  : पुं० [हिं० चालना+औस (प्रत्य)] किसी वस्तु में का वह अंश जो उसे चालने या छानने पर चलनी में बच रहता है। चालन। चोकर।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलनौसन  : पुं०=चलनौस।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलपत  : पुं०=चलपत्र।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चल-पत्र  : पुं०[ब० स०] पीपल का पेड़, जिसके पत्ते हरदम कुछ न कुछ हिलते रहते हैं।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलबाँक  : वि० [हिं० चलना+बाँका] तेज चलनेवाला। शीघ्रगामी। वि० =चरबाँक।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलबिचल  : वि० चल-विचल।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चल-मित्र  : पुं० [कर्म० स०] वह मित्र (राजा) जो सदा साथ न दे सके।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चल-मुद्रा  : स्त्री० [कर्म० स०] वह मुद्रा जिसका चलन किसी देश में सब जगह समान रूप से होता हो। (करेन्सी)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चल-रेखा  : स्त्री० [कर्म० स०] चंचल रेखा अर्थात् तरंग।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलवंत  : पुं० [सं० चल+हिं० वंत] पैदल सिपाही। प्यादा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलवाना  : स० [हिं० चलाना का प्रे०] १. चलने का काम दूसरे से कराना। २. किसी को कोई चीज चलाने में प्रवृत्त करना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चल-विचल  : वि० [सं० कर्म० स०] १. अपने स्थान से हटा हुआ। २. अस्थिर। चंचल। ३. अस्त-व्यस्त।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलवया  : पुं० [हिं० चलना] १. चलनेवाला। २. चलानेवाला।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चल-संपत्ति  : स्त्री० [कर्म० स०] ऐसी संपत्ति जो एक स्थान से आसानी से हटाई-बढ़ाई जा सकती हो। (मूवेबुल प्रापर्टी)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चला  : स्त्री० [सं० चल्+अच्-टाप्] १. बिजली। दामिनी। २. पृथ्वी। ३. लक्ष्मी। ४. पीपल। ५. शिला-रस नामक गंध द्रव्य। पुं० =चाला।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलाऊ  : वि० [हिं० चलना] १. जैसे–तैसे काम चलानेवाला। जैसे-काम चलाऊ पुस्तक। २. अदिक समय तक टिकने या ठहरने वाला।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलाक  : वि० =चालाक।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलाकी  : स्त्री०= चालाकी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलाका  : स्त्री०[सं० चला-बिजली] बिजली। दामिनी। विद्युत।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलाचल  : वि० [सं०√ चल्+अच्, द्वित्व] चंचल। चपल। स्त्री० [हिं० चलना] १. चलाचली। २. गति।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलाचली  : स्त्री० [हिं० चलना] १. चलने की क्रिया या भाव। २. कहीं से चलने के समय की जानी वाली तैयारी। ३. प्रस्थान। ४. एक के बाद दूसरे का भी जाना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलातंक  : पुं० [चल-आतंक, ब० स०] एक वातरोग जिसके कुप्रभाव से हाथ-पाँव आदि काँपने लगते हैं। राशा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलान  : स्त्री० [हिं० चलना] १. चलने या चलाने की अवस्था, क्रिया या भाव। २. व्यापारिक क्षेत्र में कोई चीज या माल कहीं भेजे जाने या रवाना करने की क्रिया या भाव। जैसे–अनाज या रूई की चलान। ३. उक्त प्रकार से कहीं चलकर आई हुई चीज या माल। जैसे–नई चलान का कपड़ा। ४. अभियुक्त को पकड़कर न्यायालय में विचार के लिए भेजे जाने की क्रिया या भाव। जैसे–चोर या जुआरी की चलान होना। ५. वह कागज जिसमें सूचना के लिए भेजी हुई चीजों की सूची, विवरण आदि लिखे रहते हैं। रवन्ना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलानदार  : पुं० [हिं० चलान+फा० दार] वह व्यक्ति जो माल की चलान रक्षा के लिए उसके साथ जाता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलाना  : स० [हिं० चलना का० स०] १. हिंदी ‘चलना’ क्रिया का सकर्मक रूप। किसी को चलाने में प्रवृत्त करना। ऐसी क्रिया करना जिससे कुछ या कोई चले। जैसे–लड़के को पैदल चलाना। २. ऐसी क्रिया करना जिससे कोई यान या सवारी किसी ओर आगे बढ़े। जैसे–गाड़ी, नाव, मोटर या रेल चलाना। ३. ऐसी क्रिया करना जिससे कोई यंत्र ठीक तरह से अपना काम करने लगे। जैसे–घड़ी मशीन रेडियो या हलचलाना। ४. किसी प्रकार की या किसी रूप में गति देना। इधर-उधर करते हुए हिलाना-डुलाना। जैसे–चूल्हे पर चढ़ाई हुई तरकारी या दाल चलाना। ५. किसी के आचरण, गति-विधि, व्यवहार आदि के देख रेख रखते हुए उसके सब व्यवहार संचालित करना। जैसे–लड़को को जैसे चलाओगे, वैसे ही वे चलेगे। ६. उक्त प्रकार या रूप से किसी का संचालन करते हुए उसे अपने साथ निर्वाह के योग्य बनाना। कुछ करने के लिए उपयुक्त बनाना। जैसे–(क) इस लड़के को हम छठे दरजे में चला ले जायेंगे। (ख) ऐसे गँवार नौकर को भी आप चला ही ले गये। ७. उचित अथवा साधारण रूप से किसी काम, चीज या बात को क्रियाशील या सक्रिय रखना। ऐसी व्यवस्था करना जिससे कोई काम अच्छी तरह से चलता रहे। जैसे–कार्यालय, कोठी, या पाठशाला चलाना। ८. किसी स्थिति का निर्वाह या उत्तरदायित्व का वहन करना जैसे–(क) वह गृहस्थी के सब काम अच्छी तरह चला लेता है। (ख) इस महँगी में लोगों के लिए गृहस्थी चलाना बहुत कठिन हो रहा है। मुहावरा–(अपना या किसी का) पेट चलाना=भोजन आदि के व्यय का निर्वाह करना। जीविका चलाना। जैसे–पहले तुम अपना पेट तो चला लो, तब ब्याह की बात सोचना। (कोई काम या बात) चलाये चलना=किसी प्रकार निर्वाह करते चलना। जैसे–अभी तो हम जैसे–तैसे चलाये चलते है। ९. कौशल, योग्यता तथा तत्परतापूर्वक कोई काम करना। जैसे–शासन चलाना। १॰. किसी चीज को बराबर उपयोग तथा व्यवहार में लाते रहना। जैसे–यह कंबल तो वह दस बरस चलावेगा। ११. शरीर के किसी अंग को उसके किसी नियमित कार्य में प्रवृत्त या रत करना। जैसे–(क) मुँह चलाना, अर्थात भोजन करना या खाना। (ख) हाथ चलाना अर्थात ठीक तरह से सक्रिय रहकर पूरा काम करना। १२. शरीर के किसी अंग को असाधारण रूप में अथवा कुछ उग्र प्रकार से प्रयुक्त या सक्रिय करना। जैसे–(क) जबान चलाना, अर्थात् बहुत बढ़-बढ़कर या उद्दंतापूर्ण बातें करना। (ख) किसी पर हाथ चलाना अर्थात उसे थप्पड़ या मुक्का मार बैठना। १३. प्रहार करने के लिए अस्त्र-शस्त्र या किसी और साधन से काम लेना। जैसे–(क) तलवार, तीर या लात चलाना। (ख) डंडा या लाठी चलाना। (ग) घूँसा या लात चलाना। १४. तंत्र-मंत्र आदि के प्रयोग से कोई ऐसी क्रिया संपादित करना कि जिससे किसी का कोई अनिष्ट हो सकता वह कोई उद्धिष्ट कार्य करने में प्रवृत्त हो। जैसे–मंत्र-बल से कटोरा या कौड़ी चलाना। मुहावरा–(किसी पर) मूठ चलाना=मुट्टी में भरी या रखी हुई कोई चीज अभिमंत्रित करके किसी के नाम पर या किसी के उद्देश्य से कहीं फेंकना। १५. भेजने की प्रेरणा करना। भेजवाना। उदाहरण–जलभाजन सब दिये चलाई।-तुलसी। १६. तरल पदार्थ इतनी अधिकता से गिराना या डालना कि वह बहने लगे। जैसे–(क) पानी गिराकर मोरी चलाना। (ख) खून की नदियाँ चलाना अर्थात् बहाना। १७. ऐसी क्रिया करना जिससे शरीर के अंदर से कोई तरल पदार्थ अधिक मात्रा में बाहर निकलने लगे। जैसे–इस दवा की एक पुड़िया ही तुम्हारा पेट चला देगी। १८. किसी काम या बात का आरंभ करना। शुरू करना। छेड़ना। जैसे–किसी की चर्चा, जिक्र या प्रसंग चलाना। मुहावरा–किसी को चलाना=किसी के अधिकार, प्रभुत्व, शक्ति आदि की चर्चा या प्रसंग छेड़ना। जैसे–उनकी क्या चलाते हो, वे तो बहुत कुछ कर सकते हैं। १९. कोई नया नियम, प्रथा, रीति आदि प्रचलित करना। जारी करना। जैसे–नया कानून या नया धर्म चलाना। २॰. किसी क्रम, परंपरा आदि का निर्वाह करना या उसे बराबर बनाये रखना। जैसे–पूर्वजों या बड़ों का नाम चलाना। २१. किसी प्रकार की कामना या वासना के वश में होकर अपने मन को उसी के अनुसार प्रवृत्त करना। जैसे–दूसरों के अधिकार या वैभव पर मन चलाना ठीक नहीं। २२. अस्पष्ट लिखावट पढ़ने का प्रयत्न करना। जैसे–हमसे तो यह चिट्ठी नहीं चलती, जरा तुम्हीं चलाकर देखो। २३. खाने-पीने की चीजें परोसने के लिए लोगों के सामने लाना। जैसे–पहले नमकीन चलाओ, तब मिठाई लाना। २४. सामाजिक रीति-व्यवहार का ठीक तरह से आचरण या व्यवहार करना। जैसे–हम तो बराबर उसी तरह से उनके साथ चलाते हैं, आगे उनकी इच्छा। २५. दूसरों को अपनी आज्ञा, आदेश आदि के अनुसार आचरण या व्यवहार करने में प्रवृत्त करना अथवा ऐसा करने के लिए जोर देना। जैसे–आपस वालों पर इस तरह हुकुम मत चलाया करो। २६. कपड़े आदि के संबंध में अनुचित रूप से या बुरी तरह ऐसी क्रिया करना कि वे कहीं इधर-उधर से कुछ फट जाएँ। जैसे–(क) इस खींचातानी में तुमने हमारी कमीज चला दी। (ख) जल्दी में टुकड़ा फाड़ने के समय तुमने यह कपड़ा चला दिया। २७. खोटे या जाली सिक्कों के संबंध में, कोई देन चुकाने के लिए धोखे से किसी को देना। जैसे–वह खोटी अठन्नी नौकर ने बाजार में चला दी। 2८. विधिक क्षेत्रों में, कोई अभियोग किसी न्यायालय में कारवाई या विचार के लिए उपस्थित या प्रस्तुत करना। जैसे–किसी पर मुकदमा चलाना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलानी  : वि० [हिं० चलान] १. दूसरे स्थान से बिकने के लिए आया हुआ। जैसे–चलानी आम, चलानी परवल। २. चलान संबंधी। जैसे–चलानी मुकदमा। स्त्री० बिक्री के लिए माल बाहर भेजने का काम या व्यवसाय।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलायमान  : वि० [सं० चल+क्यङ+शानच्] १. चलानेवाला। जो चलता हो। २. चंचल। ३. विचलित।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलार्थ  : पुं० [सं० चल-अर्थ, कर्म० स०] वह धन विशेषतः मुद्रा जिसका प्रयोग या व्यवहार होता रहता है। (करेंसी)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलार्थ-पत्र  : पुं० [ष० त०]=चल-पत्र।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलाव  : पुं० [हिं० चलना] १. चलने की क्रिया या भाव। २. प्रयाण। पयान। ३. चलावा। (गौना)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलावना  : स० चलाना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलावा  : पुं० [हिं० चलाना ] १. रीति। रस्म। रिवाज। २. द्विरागमन। गौना। ३. गाँव में संक्रामक रोग फैलने पर उसके उपचार के लिए किया जानेवाला उतारा। चलौआ।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलासन  : पुं० [चल-आसन, कर्म० स०] सामयिक व्रत में आसन बदलना जो बौद्धों में एक दोष माना गया है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलि  : पुं० [सं०√ चल्-इन] १. आवरण। २. अँगरखा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलित  : वि० [सं०√ चल्+क्त] १. अस्थिर। चलायमान। २. जो चल रहा हो। चलता हुआ। जैसे–चलित ग्रह। ३. जो चलन में हो। (करेंट) जैसे–चलित प्रथा। ४. जिसका प्रचलन या व्यवहार प्रायः सब जगह या सब लोगों में होता हो। (यूजुअल)। पुं० नृत्य में एक प्रकार की चेष्टा जिसमें ठुड्डी की गति से क्रोध या क्षोभ प्रकट हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलित-ग्रह  : पुं० [कर्म० स०] ज्योतिष में वह ग्रह जिसमें भोग का आरंभ हो चुका हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलित्र  : पुं० [सं०?] अपनी ही शक्ति से चलनेवाला इंजन। (लोकोमोटिव)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलुक  : पुं० [सं०√चल्+उन्+कन्] १. चुल्लू भर पानी। २. एक छोटा पात्र।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलैया  : पुं० [हिं० चलना] चलनेवाला।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलोर्मि  : स्त्री० [सं० चल+ऊर्मि, कर्म० स०] चलती या आगे बढ़ती हुई लहर।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलौना  : पुं० [हिं० चलाना] १. दूध, तरकारी आदि चलाने का लकड़ी का एक उपकरण या डंडा। २. वह लकड़ी का टुकड़ा जिससे चरखा चलाया जाता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चलौवा  : पुं०=चलावा। वि०=चलाऊ।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चल्ली  : स्त्री० [देश०] तकले पर लपेटा हुआ सूत या ऊन आदि। कुकड़ी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
चल्हवा  : पुं०=चेल्हा (मछली)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
लौटें            मुख पृष्ठ