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झूमर  : पुं० [हिं० झूमना] १. सिर पर पहनने का एक गहना जिसमें एक या कई लड़ों में आगे की ओर एक छोटी पटरी-सी बनी होती है जो सिर की गति-विधि के अनुसार इधर-उधर झूमती या लहराती रहती है। २. कान में पहनने का झुमका। ३. पूरब में, देहाती स्त्रियों का एक प्रकार का नाच जिसमें वे घेरा बांधकर झूमती हुई नाचती हैं। ४. उक्त नाच के साथ गाये जानेवाले गीत। ५. विवाह आदि मांगलिक अवसरों पर गाये जानेवाले एक प्रकार के गीत जो प्रायः उक्त प्रकार से नाचते हुए गाये जाते हैं। ६. होली के दिनों में गाये जानेवाले झूमक नामक गीत। ७. एक ही तरह की बहुत सी चीजों का ऐसा समूह कि उनके कारण एक गोल घेरा-सा बन जाय। जमघटा। जैसे–नावों का झूमर। पुं०=झूमड़।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) क्रि० प्र०–डालना।–पड़ना। ८. एक प्रकार की मोंगरी जिससे गाड़ीवान आदि अपनी गाड़ियों की मरम्मत करते हैं। ९. काठ का एक प्रकार का खिलौना जिसमें एक गोले या डंडे के साथ छोटी-छोटी गोलियाँ बँधी रहती है। १॰. दे० ‘झूमरा’। (ताल)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
झूमरा  : पुं० [हिं० झूमर] चौदह मात्राओं का एक ताल।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
झूमरि  : स्त्री=झूमर।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
झूमरी  : स्त्री० [देश०] शालक राग के पाँच भेदों में से एक।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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