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दाँव  : पुं० [सं० दा (दाच्), जैसे—एकदा] १. दफा। बार। मरतबा। २. क्रम, परम्परा, योग्यता आदि की दृष्टि कोई काम करने के लिए आनेवाली पारी। बारी। जैसे—जब हमारा दाँव आवेगा, तब हम भी समझ लेगें। ३. खेल में प्रत्येक खेलाड़ी के खेलने का अवसर या समय जो एक दूसरे के पीछे क्रम से आता है। खेलने की बारी। मुहावरा—दाँव देना=लड़कों का खेल में हारने पर नियत दंड भोगना या परिश्रम करना। दाँव पूरना= (क) ठीक तरह से बाजी खेलकर अपना पक्ष निभाना। (ख) अपना कर्त्तव्य पूरा करना। उदाहरण—अब की बार जो होय पुकारा कहहिं कबीर ताकों पूर दाँव।—कबीर। दाँव लेना=खेल में हारनेवाले से नियत दंड भोगवाना या परिश्रम कराना। ४. जुए के खेलों में, कौडीं, पाँसे आदि के पड़ने का वह रूप या स्थिति जिससे किसी खेलाड़ी या पक्ष की जीत होती है। हाथ। मुहावरा—(किसी का) दाँव कहना=किसी के कथन यों ही समर्थन करना। हाँ में हाँ मिलना। उदाहरण—रहिमन जौ रहिबौ चहै, कहै वाहि कै दाँव।—रहीम। (अपना) दाँल चलाना=खेल में अपनी पारी या बारी आने पर कौड़ी, गोटी, पत्ता या पाँसा आगे बढ़ाना, फेंकना या सामने रखना। जैसे—अब तुम्हारी बारी है, तुम अपना दाँव चलो। दाँव पर (कुछ) रखना या लगाना=(क) जीत-हार के लिए कुछ धन अथवा कोई वस्तु सामने रखना। किसी चीज की बाजी लगाना। जैसे—(क) उसने ताव में आकर सौ रुपये का एक नोट (या सोने का छल्ला) दाँव पर रख (या लगा) दिया। (ख) कोई ऐसा जोखिम या साहस का काम करना जिसका परिणाम या फल बिलकुल अनिश्चित हो। जैसे—इस रोजगार (या सौदे) में उन्होने अपनी सारी संपत्ति दाँव पर रख दी थी। दाँव फेकना=अपनी बारी आने पर कौडी या पाँसा फेंकना। ५. किसी काम या बात के लिए अनुकूल या उपयुक्त अवसर, समय या स्थिति। ठीक जगह मौका, या हालत। जैसे—वहाँ से उसके बच निकलने का कोई दाँव नहीं रह गया था। मुहावरा—दाँव चूकना=ठीक अवसर या मौके पर आवश्यक या उचित काम करने से रह जाना या वंचित होना। दाँव ताकना=अवसर या मौके की ताक में रहना। दाँव पड़ना=अनुकूल या उपयुक्त अवसर प्राप्त होना। उदाहरण—पूरब पुन्यनि दाँव पर्यौ अब राज करौ...।—कबीर। दाँव लगना=उपयुक्त अवसर या मौका हाथ आना। ६. अपना काम निकालने का अच्छा ढंग या युक्ति। सोच-समझकर निकाली हुई तरकीब। मुहावरा— (किसी के) दाँव पर चढ़ना=किसी को अपनी युक्ति के जाल में इस प्रकार पडऩा या फँसना कि उसका उद्देश्य सिद्ध हो जाय। (किसी को) अपने दाँव पर चढ़ना या लाना=किसी को अपनी युक्ति के जाल में इस प्रकार फँसाना कि सहज में उससे काम निकाला जा सके। जैसे—कुश्ती में हर पहलवान अपने प्रतिद्वंद्वी को दाँव पर लाने की तरकीब करता है। (किसी के) दाँव में आना=(किसी के) दाँव पर चढ़ना। (देखें ऊपर) ७. अपना काम निकालने का ऐसा ढंग या युक्ति जिसमें कुछ कुटिलता या चालबाजी हो। कपट या छल से भरी हुई तरकीब। चालाकी। मुहावरा—(किसी के साथ) दाँव करना या खेलना=चालाकी से भरी हुई तरकीब करना। चालबाजी या धूर्त्तता करना। (किसी से) दाँव लेना=जिसने बुरा व्यवहार किया हो, उपयुक्त अवसर लाने पर उसके साथ भी वैसा ही व्यवहार करना। बदला चुकाना, निकालना या लेना। विशेष—यद्यपि इस शब्द का उच्चारण सदा ‘दाँवँ’ ही होता है; फिर भी लिखने में ‘दाँव’ रूप ही प्रशस्त और शिष्ट-सम्मत है।
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दाँवना  : स०=दाँना।
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दाँवनी  : स्त्री० १.=दावनी। (गहना) २.=दँवरी। ३.=दाँवरी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
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दाँवरी  : स्त्री० [सं० दाम] रस्सी। डोरी। स्त्री०=दँवरी।
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