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शब्द का अर्थ

पाशव  : वि० [सं० पशु+अण्] १. पशु-संबंधी। पशुओं का। २. पशुओं की तरह का। पशुओं का-सा। जैसे—पाशव आचरण। पुं० पशुओं का झुंड।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पाशवता  : स्त्री०=पशुता। उदा०—प्रेम शक्ति से चिर निरस्त्र हो जावेगी पाशवता।—पंत।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पाशवान् (वत्)  : वि० [सं० पाश+मतुप्, वत्व] [स्त्री० पाशवती] जिसके पास पाश या फंदा हो। पाशवाला। पशधारी। पुं० वरुण (देवता)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पाशवासन  : पुं० सं० पाशव—आसन कर्म० स०] एक प्रकार का आसन या बैठने की मुद्रा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पाशविक  : वि० [पशु+ठञ्—इक] १. पशुओं की तरह का। ३. (आचरण) जो पशुओं के आचरण जैसे हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पाशव  : वि० [सं० पशु+अण्] १. पशु-संबंधी। पशुओं का। २. पशुओं की तरह का। पशुओं का-सा। जैसे—पाशव आचरण। पुं० पशुओं का झुंड।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पाशवता  : स्त्री०=पशुता। उदा०—प्रेम शक्ति से चिर निरस्त्र हो जावेगी पाशवता।—पंत।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पाशवान् (वत्)  : वि० [सं० पाश+मतुप्, वत्व] [स्त्री० पाशवती] जिसके पास पाश या फंदा हो। पाशवाला। पशधारी। पुं० वरुण (देवता)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पाशवासन  : पुं० सं० पाशव—आसन कर्म० स०] एक प्रकार का आसन या बैठने की मुद्रा।
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पाशविक  : वि० [पशु+ठञ्—इक] १. पशुओं की तरह का। ३. (आचरण) जो पशुओं के आचरण जैसे हो।
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