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पासा  : पुं० [सं० पाशक, प्रा० पासा] १. हड्डी, हाथी दाँत आदि के छः पहले टुकड़े जिनके पहलों पर एक से छः तक बिंदियाँ अंकित होती हैं और जिन्हें चौसर आदि के खेलों में खेलाड़ी बारी-बारी से फेंककर अपना दाँव निश्चित करते हैं। (डाइस) मुहा०—(किसी का) पासा पड़ना=(क) पासे के पहल का किसी की इच्छा के अनुसार ठीक गिरना। जीत का दाँव पड़ना। (ख) ऐसी स्थिति होना कि उद्देश्य, युक्ति आदि सफल हो। पासा पलटना=(क) पासे का विपरीत प्रकार या रूप में गिरने लगना। (ख) ऐसी स्थिति आना या होना कि जो क्रम चला आ रहा हो, वह उलट जाय, मुख्यतः बुरी से अच्छी दशा या दिशा की ओर प्रवृत्त होना। पासा फेंकना=भाग्य के भरोसे रहकर और सफलता प्राप्त करने की आशा से किसी प्रकार का उपाय, प्रयत्न या युक्ति करना। २. चौपड़ या चौसर का खेल, अथवा और कोई ऐसा खेल जो पासों से खेला जाता हो। ३. मोटी छः पहली बत्ती के आकार में लाई हुई वस्तु। गुल्ली। जैसे—चाँदी या सोने का पासा (अर्थात् उक्त आकार में ढाला हुआ खंड)। ४. सुनारों का एक उपकरण जो काँसे या पीतल का चौकोर ढला हुआ खंड होता है और जिसके हर पहल पर छोटे-बड़े गोलाकार गड्ढे बने होते हैं। (इन्हीं गड्ढों की सहायता से गहनों में गोलाई लाई जाती है।) ५. कोई चीज ढालने का साँचा। (राज०)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पासार  : पुं० [फा० पासदार] [भाव० पासारी] १. तरफदार। पक्षपाती। २. शरणदाता। रक्षक।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पासासारि  : पुं० [हिं० पासा+सारि=गोटी] १. पासों की सहायता से खेला जानेवाला खेल। जैसे—चौसर। चौसर आदि की गोट जो पासा फेंककर उसके अनुसार चलाते हैं।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पासा  : पुं० [सं० पाशक, प्रा० पासा] १. हड्डी, हाथी दाँत आदि के छः पहले टुकड़े जिनके पहलों पर एक से छः तक बिंदियाँ अंकित होती हैं और जिन्हें चौसर आदि के खेलों में खेलाड़ी बारी-बारी से फेंककर अपना दाँव निश्चित करते हैं। (डाइस) मुहा०—(किसी का) पासा पड़ना=(क) पासे के पहल का किसी की इच्छा के अनुसार ठीक गिरना। जीत का दाँव पड़ना। (ख) ऐसी स्थिति होना कि उद्देश्य, युक्ति आदि सफल हो। पासा पलटना=(क) पासे का विपरीत प्रकार या रूप में गिरने लगना। (ख) ऐसी स्थिति आना या होना कि जो क्रम चला आ रहा हो, वह उलट जाय, मुख्यतः बुरी से अच्छी दशा या दिशा की ओर प्रवृत्त होना। पासा फेंकना=भाग्य के भरोसे रहकर और सफलता प्राप्त करने की आशा से किसी प्रकार का उपाय, प्रयत्न या युक्ति करना। २. चौपड़ या चौसर का खेल, अथवा और कोई ऐसा खेल जो पासों से खेला जाता हो। ३. मोटी छः पहली बत्ती के आकार में लाई हुई वस्तु। गुल्ली। जैसे—चाँदी या सोने का पासा (अर्थात् उक्त आकार में ढाला हुआ खंड)। ४. सुनारों का एक उपकरण जो काँसे या पीतल का चौकोर ढला हुआ खंड होता है और जिसके हर पहल पर छोटे-बड़े गोलाकार गड्ढे बने होते हैं। (इन्हीं गड्ढों की सहायता से गहनों में गोलाई लाई जाती है।) ५. कोई चीज ढालने का साँचा। (राज०)
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पासार  : पुं० [फा० पासदार] [भाव० पासारी] १. तरफदार। पक्षपाती। २. शरणदाता। रक्षक।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पासासारि  : पुं० [हिं० पासा+सारि=गोटी] १. पासों की सहायता से खेला जानेवाला खेल। जैसे—चौसर। चौसर आदि की गोट जो पासा फेंककर उसके अनुसार चलाते हैं।
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