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शब्द का अर्थ

फेंट  : स्त्री० [हिं० पेट या पेटी] १. कमर के चारों ओर का घेरा। २. धोती का लम्बाई के बल का उतना अंश जो रस्से की तरह मोड़कर कमर के नीचे चारों ओर बाँधा या लपेटा जाता है। फेंटा (मुहा० के लिए दे० फेंटा के मुहा०) ३. घुमाव। फेरा। लपेट। स्त्री० [हिं० फेटना] फेंटने की क्रिया या भाव। जैसे—ताश के पत्तों की फेंट।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
फेंटना  : सं० [सं० पिष्ट, प्रा० पिट्ठ+ना (प्रत्यय)] १. किसी गाढ़े द्रव को इस प्रकार उँगलियों अथवा किसी उपकरण से बार-बार हिलाना कि उसमें कण आदि न रह जायँ। जैसे—खोया दही या पीठी फेंटना। २. उँगली से हिलाकर खूब मिलाना। जैसे—यह दवा शहद में फेंट कर खायी जाती है। ३. ताश के पत्तों को इस प्रकार मिलाना कि उनका क्रम बदल जाय।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
फेंटा  : पुं० [हिं० फेंट] [स्त्री० अल्पा० फेंटी] १. कमर का घेरा। २. धोती का वह भाग जो कमर के चारों ओर लपेटकर बाँधा जाता है। (जिससे धोती नीचे खिसकने या गिरने न पाये)। मुहावरा—(अपना) फेंटा कसना या बाँधना=किसी काम या बात के लिए कसकर तैयार होना। कटिबद्ध या समृद्ध होना। (किसी का) फेंटा पकड़ना-धोती का उक्त अंश पकड़कर रोकना या अन्य किसी प्रकार किसी को पकड़ रखना। ३. कमरबन्द। फटका। ४. छोटे या कम लम्बे कपड़े से सिर तक बाँधी जानेवाली हलकी पगड़ी। ५. अटेरन पर लपेटी हुई सूत की बड़ी अंटी। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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