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लेना  : स० [सं० लभन, पुं० हि० लहना] १. जो वस्तु कोई दे रहा हो, उसे ग्रहण या प्राप्त करना। किसी की दी हुई चीज अपने अधिकार या हाथ में लेना। जैसे—किसी से दान या धन लेना। पद—लेना एक न देना दो=कोई प्रयोजन संबंध या सरोकार नहीं है। कुछ गरज या वास्ता नहीं है। जैसे—लेना एक न देना दो, हम क्यों व्यर्थ इस प्रपंच में पड़ने जाएँ। मुहावार—लेने के देने पड़ना=प्राप्ति, लाभ आदि की आशा से कोई काम करने पर उलटे पास का कुछ खोना या गँवाना अथवा कष्ट या संकट में पड़ना। जैसे—वह चले तो थे चोरी पकड़ने पर उन्हें उलटे लेने के देने पड़े। २. कोई चीज किसी प्रकार या किसी रूप में अपने अधिकार या हाथ में करना। हस्तगत करना। जैसे—(क) बाजार से कपड़े (या किताबे) मोल लेना। (ख) किराये पर मकान लेना। ३. कोई चीज अपने अंग पर धारण करना या किसी रूप में रखना। जैसे—(क) हाथ में घडी या छाता लेना। (ख) कन्धे पर या गोद में बच्चा लेना। मुहावरा—ले लेना=अधिकृत कर लेना। बल प्रयोग से प्राप्त कर लेना। जैसे—(क) थोड़े ही दिनों में अंग्रजों ने सारा पंजाब ले लिया। (ख) डाकुओं ने उसका सारा धन ले लिया। ४. उधार के रूप में या माँगकर प्राप्त करना। जैसे—महाजनों से रुपये ले लेकर काम चलाना। ५. खाने-पीने की चीज मुँह में रखकर गले के नीचे या पेट में उतारना। सेवन करना। जैसे—रोगी का दवा या दूध लेना ६. किसी प्रकार का उत्तरदायित्व प्रतिज्ञा या भार अंगीकृत करना। निर्वाह वहन आदि के लिए उत्तरदायी बनना या कृत संकल्प होना। जैसे—क) किसी काम या उत्तरदायित्व या पद का भार लेना। (ख) व्रत, शपथ या संन्यास लेना। मुहावरा—(अपने आपको) लिये दिये रहना=अपने आपको इस प्रकार संभालकर रखना कि कोई अनुचित या अशिष्टतापूर्ण आचरण या व्यवहार न होने पावे। (अपने) ऊपर लेना=निर्वाह वहन आदि का भार ग्रहण करना। जैसे—उसका सारा ऋण (या भार) मैने अपने ऊपर ले लिया है। ७. अमूर्त, बातों विचारों, विषयों आदि के संबंध में किसी रूप में गृहीत या प्राप्त करना। जैसे—(क) किसी से परामर्श या सलाह लेना। (ख) किसी के मन की थाह लेना। (ग) किसी का आर्शीवाद या गालियां लेना। मुहावरा—ले-देकर= (क) सब कुछ हो जाने पर अंत में। जैसे—ले-देकर यह बदनामी ही हाथ आई। ले दे करना=(क) कहा सुनी, तकरार या हुज्जत करना। जैसे—भठियारों की तरह यह ले-दे करना ठीक नहीं है। (ख) किसी कार्य की पूर्ति या सिद्धि के लिए बहुत परिश्रम या प्रयत्न करना। जैसे—इतनी ले-दे करने पर तब कहीं दिन भर में यह काम पूरा हुआ है। ८. भागनेवाले का पीछा करते हुए उसके पास पहुँचकर उसे पकड़ना जैसे—(क) इतने में सिपाहियों ने वहाँ पहुँचकर उसे पकड़ लिया। (ख) लेना, जाने या पावे। ९. किसी काम या बात की सिद्धि करते हुए उसके संबंध में कोई क्रिया करना। (कुछ विशिष्ट संयो० कि० के साथ प्रुयक्त) जैसे—ले चलना, ले जाना, ले भागना, ले रखना, ले लेना आदि। मुहावरा—ले उड़ना=(क) कहीं से कुछ लेकर इस प्रकार अलग या दूर होना कि कोई समझ न पावे। जैसे—कही से कोई बात सुन पाई, और ले उड़े। (ख) कहीं से कुछ लेकर उसे अपना बताते या बनाते हुए आंडबरपूर्वक अपना पौरुष या योग्यता प्रकट करना। ले डालना=खराब, चौपट या नष्ट करना। जैसे—(क) तुमने यह किताब भी ले डाली अर्थात् नष्ट कर दी। (ख) इस गोटे ने तो साड़ी की सारी शोभा ही ले डाली अर्थात् बिगाड़ दी। ले डूबना या ले बीतना=स्वयं या समाप्त करना। जैसे—उनकी यह चालाकी ही उन्हें ले डूबेगी या ले बीतेगी। (कोई काम या बात) ले बैठना=अच्छा काम या बात छोड़कर किसी तुच्छ या साधारण काम या बात मे लग जाना। जैसे—तुम भी यह कहाँ का झगड़ा (या पचड़ा) ले बैठे। (किसी को या कोई चीज अपने साथ) ले बैठना=किसी काम, चीज या बात का अपने दोष, भार आदि के कारण स्वयं नष्ट होते हुए दूसरे को भी अपने साथ नष्ट करना। जैसे—(क) यह छज्जा सारा मकान ले बैठेगा। (ख) यह दुर्व्यसन उनका सारा कार-बार ले बैठेगा। ले लेना=उद्देश्य की सिद्धि अथवा कार्य की समाप्ति के बहुत निकट तक पहुँच जाना। जैसे—बहुत सा काम हो चुका है अब ले ही लिया है, अर्थात् समाप्ति में अधिक विलंब नहीं है। १॰. किसी प्रकार या किसी रूप में एकत्र या प्राप्त करना। जैसे—(क) बगीचे से फूल लेना। (ख) लोगों से चन्दा लेना। (ग) कहीं से लड़का गोद लेना। मुहावरा—ले पालना=कन्या या पुत्र के रूप में अपने पास रखकर पालन-पोषण करना। ११. किसी वस्तु या व्यक्ति का ठीक और पूरा उपभोग करना अथवा उसे काम में प्रवृत्त करना। जैसे—(क) यह काम बहुत परिश्रम लेता है। (ख) उसे नौकरों से काम लेना नहीं आता। १२. प्रतियोगिता होड़ आदि में विजयी या सफल होना। जैसे—किसी से बाजी लेना या ले जाना। १३. कुछ विशिष्ट इंद्रियों के संबंध में किसी बात या विषय का ग्रहण करना। जैसे—अपने मन में किसी देवता या फूल का नाम लो। मुहावरा—(कोई बात) कान में लेना=सुनना (क्व०) १४. अतिथि का सत्कार या स्वागत करने के लिए आगे बढ़कर उससे मिलना। अगवानी या अभ्यर्थना करना। जैसे—उन्हें लेने के लिए बहुत से लोग स्टेशन पहुँचे थे। १५. किसी का उपहास करते हुए उसे लज्जित करना और तुच्छ या हीन सिद्ध करना। मुहावरा—(किसी को) आड़ें हाथों लेना=बहुत अधिक उपहास या भर्त्सना करते हुए निरुतर करना। (किसी का) लिया जाना=उपहासास्पद और लज्जाजनक स्थिति में लाया जाना। जैसे—आज वह वहाँ अच्छी तरह लिया गया। १६. स्त्री के साथ मैथुन या संभोग करना (बाजारू) मुहावरा—(किसी का) लिया जाना=मैथुन या संभोग की स्थिति में लाया जाना। (किसी को) ले पड़ना=किसी को अपने साथ लेटाकर उससे संभोग करना। विशेष—रखना, लगाना आदि की तरह लेना का भी बहुत सी क्रियाओं के साथ संयो० क्रि० के रूप में प्रयोग होता है और ऐसे अवसरों पर य़ह प्रायः उस क्रिया की पूर्ति या समाप्ति का सूचक होता है। जैसे—उठा लेना, कह लेना, खा लेना, सुन लेना आदि। कुछ अवस्थाओं में यह इस बात का भी सूचक होता है कि कर्ता कोई क्रिया बहुत ही कठिनता से जैसे—जैसे अथवा भद्दे या बहुत ही साधारण रूप में कोई क्रिया पूरी करने में समर्थ होता है। जैसे—(क) वह भी टूटी-फूटी हिन्दी पढ़ या बोल लेता है। (ख) मैं भी कुछ कुछ संस्कृत समझ लेता हूँ। (ग) रोगी अब सौ दो सौ कदम चल लेता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
लेना-देना  : पुं० [हि०] १. लेने और देने की क्रिया या भाव। लेन-देन। मुहावरा—लिये-दिये=साथ में लिये हुए। साथ लेकर। उदाहरण—विचरूँगी व्योम में भी उनको लिये-दिये।—मैथिलीशरण गुप्त। ले-देकर=सब बातों के हो चुकने पर। अंत में। जैसे—सब ले-देकर यही कलंक हाथ आया। (किसी से कुछ) लेना देना होना=कोई संबंध या सरोकार होना। जैसे—वह जहन्नुम में जाय, हमें उससे क्या लेना-देना है। २. वास्ता। संबंध। सरोकार। पद—ले-दे=आपस में होनेवाली कहा-सुनी या हुज्जत। जैसे—इतनी ले दे के बाद भी नतीजा कुछ न निकला।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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