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विरल  : वि० [सं० वि√रा (ना)+कलन्] [भाव० विरलता] १. जिसके अंग या अंश बहुत पास-पास न हों। जो घना न हो। जिसके बीच-बीच में अवकाश हो। ‘सघन’ का विपर्याय। जैसे—विरल बुनावटवाला। कपड़ा। २. जो बहुत कम मिलता हो। दुर्लभ। ३. जो गाढ़ा न हो। पतला। ४. निर्जल। एकान्त। ५. खाली। शून्य। ६. अल्प। थोड़ा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
विरला  : वि० [सं० विरल] १. विरल। २. जो केवल कहीं कहीं या बहुत कम मिलता अथवा होता हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
विरलीकरण  : पुं० [सं० विरल+च्वि√कृ (करना)+ल्युट-अन] सघन को विरल करने की क्रिया।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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