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शैतान  : पुं० [अ०] १. ईश्वर के सन्मार्ग का विरोध करनेवाली शक्ति जो कुछ सामी धर्मों (यथा इस्लामी, धर्म ईसाई आदि) में एक दुष्ट देवता और पतित देवदूतों के अधिनायक के रूप में मानी गई है। यह भी माना जाता है कि यही मनुष्यों को बहलाकर कुमार्ग में लगाता और ईश्वर तथा धर्म से विमुख करता है। पद—शैतान का बच्चा=बहुत दुष्ट आदमी। शैतान की आंत=बहुत लम्बी चौड़ी चीज या बात (व्यंग्य) शैतान की खाला=बहुत दुष्ट या पाजी औरत (गाली)। शैतान के कान हरे=ईश्वर करे कि शैतान यह शुभ बात न सुन सके और इसमें बाधक न हो। (मंगलाकांक्षा का सूचक)। २. दुष्टदेव योनि। भूत-प्रेत आदि। मुहावरा— (सिर पर) शैतान चढ़ना या लगना=भूत-प्रेत आदि का आवेश होना। प्रेत का भाव पड़ना। ३. बहुत बड़ा अत्याचारी या दुष्ट व्यक्ति। ४. दुर्वृत्ति, प्रबल, काम-वासना क्रोध आदि। मुहावरा-शैतान सवार होना=दुर्वृत्तियों का बहुत प्रबल होना। लड़ाई-झगड़ा या उपद्रव। मुहावरा—शैतान उठाना या मचाना=झगड़ा खड़ा करना। उपद्रव मचाना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
शैतानी  : वि० [अ० शैतान] १. शैतान संबंधी। शैतान का। जैसे—शैतानी गोल। शैतानियों की तरह का बहुत दुष्ट। स्त्री० १. दुष्टता। पाजीपन। शरारत। २. ऐसा आचरण जो किसी को परेशान करने के लिए किया जाय।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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