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शब्द का अर्थ

संशोधन  : पुं० [सम्√शुध् (शुद्ध करना)+णिच्-ल्युट-अन] [वि० संशोधनीय, संशोधन, संशुद्ध, संशोध्य] १. शुद्ध करना या साफ करना। २. त्रुटि, दोष आदि को दूर करके ठीक और दुरुस्त करना। (करेक्शन) ३.आज-कल विशेष रूप से किसी प्रस्ताव या प्रस्तुत किये हुए विचार के संबंध में यह कहना कि इसमें अमुक बात घटाई या बढाई जाय अथवा उसका रूप बदलकर उसे अमुक प्रकार से बनाया जाय। (अमेन्ड-मेन्ट) ४.ऋण देना आदि चुकाने की क्रिया या भाव।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
संशोधनीय  : वि०[सम√ शुध् (शुद्ध करना)+अनीयर) जिसका संशोधन हो सके या होने को हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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