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सूझ  : स्त्री० [हिं० सूझना] १. सूझने की क्रिया, धर्म या भाव। २. दृष्टि। नजर। ३. मन में सूझने अर्थात उत्पन्न होनेवाली कोई ऐसी नई बात, जो अनोखी या असाधारण भी हो। उद्भावना। उपज। जैसे–कवियों की सूझ अनोखी होती है। पद–सूझ—बूझ। (देखें)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
सूझना  : अ० [सं० संज्ञान] १. दृष्टि में आना। दिखाई पड़ना। २. ध्यान में आना। ३. युक्ति के रूप में उद्भासित होना। जैसे–पते की सूझना। अ० [हिं० सुलझना] छुट्टी पाना। मुक्त होना।
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सूझ-बूझ  : स्त्री० [हिं० सूझना+बूझना] १. देखने और देखकर अच्छी तरह समझने की विशिष्ट योग्यता या शक्ति। २. समझदारी। पद–सूझ—बूझ से=समझदारी से। किसी बात के सब पक्ष सोच-समझकर।
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सूझा  : पुं० [देश०] फारसी संगीत में एक मुकाम (राग) के पुत्र का नाम।
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